सरकार यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) कानून में बदलाव करने के लिए तैयार है। बच्चियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जाएगी। इस मामले पर जल्द ही सरकार अध्यादेश लेकर आएगी। यह फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक करीब ढाई घंटे तक दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग पर चली। इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे से आते ही बैठक बुलाई और बच्चियों के बलात्कारियों को सख्त सजा देने के लिए कानून में बदलाव करने को हरी झंडी दे दी।
Union Cabinet approved an Ordinance to be promulgated to provide for stringent punishment for perpetrators of rape particularly of girls below 16 years age and below 12 years of age. Death penalty has been provided for rapists of girls below 12 years of age. pic.twitter.com/QXCv0P3pFP
— ANI (@ANI) April 21, 2018
पॉक्सो एक्ट में बदलाव हो जाने के बाद 0-12 साल उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। जबकि 16 साल की लड़की का रेप करने वाले को सख्त सजा देने का प्रावधान किया जाएगा। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि बलात्कार मामलों की तेजगति से जांच होने के साथ ही जल्द ट्रायल किया जाएगा। कानून में बदलाव करके 16 साल से कम उम्र की किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल या आजीवन कारावास तक दी जा सकेगी। वहीं अत्यधिक 12 उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने के मामले में न्यूनतम 20 साल या फिर आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।
In case of rape of a girl under 16 years, minimum punishment increased from 10 years to 20 years, extendable to life imprisonment; minimum 20 years’ imprisonment or life imprisonment for rape of a girl under 12 years has been provided in the Ordinance.
— ANI (@ANI) April 21, 2018
कठुआ गैंगरेप के बाद कानून में बदलाव करने की मांग उठने लगी थी। जिसे सरकार ने मान लिया है। इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि उनका मंत्रालय कानून में बदलाव करके बच्चियों का बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा दिए जाने के लिए कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजेगा। मंत्रिमंडल की बैठक से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका के जवाब में पत्र देकर कहा था कि वह पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
आज ही इंदौर से दो बच्चियों को हवस का शिकार बनाने वाली खबरें आी है। वहीं कठुआ के बाद सूरत में भी एक 11 साल की बच्ची का शव मिला था। उसके शरीर पर चोटों के 86 निशान थे। सख्त कानून न होने की वजह से केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा रहा था। देश में कई जगहों पर इसको लेकर प्रदर्शन हो रहे थे।